सफ़र
में जा रहा था घर अपने फौजी भाइयों के साथ
थोड़ी आँख क्या लगी मुझे याद आया जब मेरी
एक साल की बची ने पकड़ा था मेरा हाथ
थोड़ा आगे चला तो सोचा
मेरी माँ अपनी बहु से मेरे बारे में जरूर कर रही होंगी कोई ना कोई बात,
आगे जाते ही मुझे याद आ गए मेरे सारे कमीने यार
जैसे भी थे पर मूझसे करते थे बहुत प्यार.
आधा रास्ता कट ही चुका आँखों में नमी बेचैनी थी मेरे साथ
बस अब जल्दी हो इन सबसे मेरी बात, सफर ऐसे कट रहा था
जैसे घड़ी बंद हो गई हो, फिर याद आई मुझे छोटी बहन की वो बात
जब वो मेरे हाथ पर रखी बांधते हुए कहती थी भैया हमेशा रहना तुम मेरे साथ,
और कैसे भूलूं अपने पापा की ललकार जब गलत करता था तो पडती थी बहुत मार,
कहते थे लड़ो अपनी मिट्टी के लिए जियो अपनी मिट्टी के लिए | और समझा देते आँखों से हर बात,
युंही सफर कट रहा था याद करके अपनों की बात..तभी अचानक एक आवाज़ आई जैसे फट गया हो बादल टूट गए हो सारे सपने..... सब खड़े थे लाइन लगाकर घर परिवार और अपने......
सफर ख़तम हुआ घर आया तो तिरंगा लिपटा था मेरे तन पे ......PK
DEDICATED TO #PULWAMAATTACK
में जा रहा था घर अपने फौजी भाइयों के साथ
थोड़ी आँख क्या लगी मुझे याद आया जब मेरी
एक साल की बची ने पकड़ा था मेरा हाथ
थोड़ा आगे चला तो सोचा
मेरी माँ अपनी बहु से मेरे बारे में जरूर कर रही होंगी कोई ना कोई बात,
आगे जाते ही मुझे याद आ गए मेरे सारे कमीने यार
जैसे भी थे पर मूझसे करते थे बहुत प्यार.
आधा रास्ता कट ही चुका आँखों में नमी बेचैनी थी मेरे साथ
बस अब जल्दी हो इन सबसे मेरी बात, सफर ऐसे कट रहा था
जैसे घड़ी बंद हो गई हो, फिर याद आई मुझे छोटी बहन की वो बात
जब वो मेरे हाथ पर रखी बांधते हुए कहती थी भैया हमेशा रहना तुम मेरे साथ,
और कैसे भूलूं अपने पापा की ललकार जब गलत करता था तो पडती थी बहुत मार,
कहते थे लड़ो अपनी मिट्टी के लिए जियो अपनी मिट्टी के लिए | और समझा देते आँखों से हर बात,
युंही सफर कट रहा था याद करके अपनों की बात..तभी अचानक एक आवाज़ आई जैसे फट गया हो बादल टूट गए हो सारे सपने..... सब खड़े थे लाइन लगाकर घर परिवार और अपने......
सफर ख़तम हुआ घर आया तो तिरंगा लिपटा था मेरे तन पे ......PK
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