में तुझे ढूंढ़ता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
कभी सपनो में ढूंढ़ता हुँ तो कभी ख्यालों में ढूंढ़ता हुँ
तेरा पता कलियों तो कभी बहारों से पूछता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
कभी हवा तो कभी नज़ारों से पूछता हुँ
तुझे पाने के लिए पागल हुँ ना सोता हुँ ना जगता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ।
कॉलेज हो या हो घर तेरी यादों में रहता हुँ
भीड़ हो या तन्हा तेरे बारे में सोचता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ।
कैसे कहूं, किससे कहूं, और कहाँ जाऊं, तुझे कहाँ पाऊं,
एक तू ही तो हैं जिसे में पाना चाहता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
देखा नहीं कभी भी तुझे फिर पाना चाहता हुँ
तू मेरी कल्पना ही सही मगर फिर भी तुझे ढूंढ़ता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
कभी सपनो में ढूंढ़ता हुँ तो कभी ख्यालों में ढूंढ़ता हुँ
तेरा पता कलियों तो कभी बहारों से पूछता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
कभी हवा तो कभी नज़ारों से पूछता हुँ
तुझे पाने के लिए पागल हुँ ना सोता हुँ ना जगता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ।
कॉलेज हो या हो घर तेरी यादों में रहता हुँ
भीड़ हो या तन्हा तेरे बारे में सोचता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ।
कैसे कहूं, किससे कहूं, और कहाँ जाऊं, तुझे कहाँ पाऊं,
एक तू ही तो हैं जिसे में पाना चाहता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
देखा नहीं कभी भी तुझे फिर पाना चाहता हुँ
तू मेरी कल्पना ही सही मगर फिर भी तुझे ढूंढ़ता हुँ।
में तुझे ढूंढ़ता हुँ... में तुझे ढूंढ़ता हुँ
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